आज हम सभी जानने वाले हैं कि नाटो देश क्या होता है बहुत सारे लोगों के अंदर यह सवाल होता है कि नाटो एक देश है लेकिन मैं उन सभी लोगों को यह बताना चाहूंगा कि नाटो एक संगठन है कई सारे देश को मिला करके एक संगठन बनाया जाता है जिसको नाटो कहते हैं नाटो के अंदर बहुत ही बड़े बड़े देश आते हैं जैसे अमेरिका जापान बहुत सारे ऐसे देश है जो नाटो के अंदर हैं अभी रूस और यूक्रेन के बीच जो आपसी विवाद हुआ वह इसी की वजह से हुआ था. 

आप सभी को पहले से पता होगा कि अमेरिका रूस और चीन दोनों का एक प्रकार का आपसी संबंध इन दोनों से अमेरिका का खराब है जिसकी वजह से रूस और चीन आपस में एक भाईचारे की तरह उनका मिला है अमेरिका के खिलाफ हमेशा से चीन और रूस एक पार्टनर एक भाई की तरफ से है यदि बार चीन और भारत की युद्ध की भी हो तो रसिया कहीं न कहीं चीन का हि साथ देगा भले ही रसिया से हमें गंज के व्यापार और भी बम बारूद मिसाइल मिलती हूं लेकिन अगर बात संबंध किया है तो चीन का काफी गहरा रिश्ता है रसिया से और उतना ही खराब संबंध अमेरिका से है इन दोनों का जिसकी वजह से यह और भी करीब रहते हैं. 

अभी हाल ही में अमेरिका ने बहुत सारे प्रतिबंध लगा दिए हैं और उस पर जिसका ज्यादा नहीं तो थोड़ा सा तो असर पड़ा है उसके इकोनॉमिक्स पर केवल यूक्रेन ने अर्जी की थी अमेरिका से कि हमें नाटो का सदस्य यानी नाटो में जोड़ा जाए इसी वजह से रसिया यूक्रेन से संबंध खराब करके आपस में विवाद करते हुए नजर आ रहे हैं हम आपको बता देना तो एक तरह का ऐसा संगठन है कि यदि यूक्रेन नाटो के साथ जोड़ा जाता तो अगर रसिया यूक्रेन पर हमला करता तो वह सारे देश के खिलाफ होता जो जिन्होंने ना टो जॉइन किया है जैसे अमेरिका जापान और बड़े बड़े देश उनके यानी रसिया को अमेरिका भी बम बारूद गिरा सकता था अमेरिका की आर्मी यूक्रेन जा सकती है यदि यूक्रेना तो ज्वाइन कर लेता है तो और यूक्रेन के आर्मी भी कही जा सकती है जितने भी नाटो के लोग हैं संविधान यही कहता है या का कहना यह है कि हम आपस में विवाद तभी समाप्त करेंगे जब आप लोग हमें लिख करके देंगे कि यूक्रेन ना तो ज्वाइन नहीं कर सकता ना हम करने पर हैं यदि आप ऐसा करते हैं तो आप सभी रसिया के दुश्मन मारे जाएंगे और बात आगे भी बढ़ सकती है बिगड़ सकती है इसीलिए बहुत से दोस्त देश इस पर एक्शन नहीं ले रहे हैं वह नहीं चाहते कि कोई बड़ा बवाल हो और विश्व युद्ध होने की संभावना ना हो जाए तो बहुत से देश है जो पीछे हट रहे हैं यहां तक कि भारत ने भी साफ साफ कह दिया वह अमेरिका के साथ है नाम और उसके साथ है. 


हम आपको बता दे रसिया में सबसे ज्यादा ऑयल का प्रोडक्शन किया जाता है यदि रसिया का संबंध भारत से खराब हो जाए तो हो सकता है कि हमारे भारत की क्लोमिक्स पर थोड़ा तो असर पड़े थोड़ा नहीं बहुत कह सकते हैं असर पड़ सकता है हो सकता है पेट्रोल के भाव थोड़ी और ऊपर जाएं और हमारे ही देश में नहीं और विदेशों में बहुत गहरा असर पड़ सकता है तो सबका जुड़ा सभी देशों को मिलकर के हैं सबकी इकोनॉमिक्स सभी देशों के हिसाब से चलती है सब देश आपस में जुड़े हुए हैं इसीलिए कोई देश आगे कदम नहीं उठा रहा है रसिया से विवाद करने के चक्कर में तो इसके ऊपर अभी बैठक हो रही है बात की जा रही है रसिया चाहता है कि सरेंडर कर दें और जैसा रसिया कहता है वैसा यूक्रेन को करना पड़ेगा आज से कुछ साल पहले यूक्रेन के पास बहुत सारे लोग थे लेकिन उस सारे बम को उसने रसिया को दे दिया जिसकी वजह से आज उनके पास हथियारों की कमी है इसीलिए रसिया उस पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं अगर यूक्रेन के पास भी परमाणु बम होते तो हो सकता है कि ऐसा पॉसिबल फिर भी बहुत सारे देशों से सहयोग मांगने की प्रक्रिया जारी है चाहता है कि सारे देश है उसकी मदद करें खुलकर सामने नहीं आया है लेकिन अमेरिका और भी सामान है वह युक्रेन को अमेरिका की तरफ से दिया जा रहा है अमेरिका जितना मदद कर सकता है उतना कर रहा है एक अमेरिका ही ऐसा देश है जो खुलकर यूक्रेन का साथ दे रहा है. 


हमने लगभग आपको नाटो देश के बारे में सब कुछ बता दिया कि ना तो एक ऐसा संगठन है कि यदि आप और ज्वाइन कर लेते हैं तो कोई आपको हानि पहुंचाता है तो जितने भी नाटो के सदस्य हैं वह उस देश के खिलाफ हो जाएंगे या फिर उसके खिलाफ हो जाएंगे जो उसके विरोध में अगले नाटो के सदस्य पर हमला कर रहा है इसी वजह से विवाद हुआ और नाटो का मेन मकसद यही होता है दूर जाने के बाद वह एक तरह का समूह हो जाता है जिस पर कोई हमला नहीं कर सकता अगर करता है तो सब के विरुद्ध आ जाएगा वह सब का दुश्मन माना जाएगा

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